विभेदक लक्षण: त्रिसमनताक्ष आकृति और विदलन द्वारा पहचाना जाता है.
4.
विभेदक लक्षण: अपने गुलावी रंग, समान्तर षट्-फलकीय आकृति तथा विदलन, एसिडों में बुदबुदन द्वारा पहचाना जाता है.
5.
श्रम की प्रक्रिया के दौरान चिंतन और चेतना के विकास के आधार व साधन के रूप में उत्पन्न भाषा मनुष्य का एक विशेष और विभेदक लक्षण है।
6.
किंतु सारी वस्तुओं और घटनाओं के बीच उनकी सारी विभिन्नताओं के बावजूद एक सर्वनिष्ठ विभेदक लक्षण है, अर्थात वे सब मनुष्य की चेतना के बाहर तथा उससे स्वतंत्र रूप से विद्यमान हैं ।
7.
इस संकेत प्रणाली का प्रमुख विभेदक लक्षण यह है कि पारिस्थितिक संकेत शब्दों तथा उनसे बने वाक्यों के आधार पर मनुष्य के लिए सहजवृत्तियों से परे निकलना और ज्ञान को असीमित परिमाण और विविधता में विकसित करना संभव हो जाता है।
8.
आदरणीय वड़नेरकर जी, औजारों के सचेत प्रयोग के जरिए, श्रम सक्रियता का आरंभ: यह मूल विभेदक लक्षण है, मानव को शेष प्रकृति और पशुजगत से अलग करने के लिए और चेतना संपन्न प्राणी के विकास की शुरूआत के लिए।